एनर्जी शेयर बना रॉकेट 130₹ से कम भाव, कंपनी को मिला 2.58 मेगावॉट का बड़ा ऑर्डर

Servotech Renewable Energy Share : भारत में सौर ऊर्जा यानी सूरज की रोशनी से बिजली बनाने का काम बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इस काम में जो कंपनियाँ आगे हैं, उनमें से एक है सर्वोटेक रिन्यूएबल एनर्जी। हाल ही में इस कंपनी को भारतीय रेलवे से एक और बड़ा प्रोजेक्ट मिला है। यह काम दक्षिण-पूर्व रेलवे के रांची मंडल में होगा। यहाँ कंपनी 2.58 मेगावॉट के सोलर पैनल लगाएगी जो सीधे बिजली के ग्रिड से जुड़ेंगे। इससे रेलवे को साफ, सस्ती और हरित यानी ग्रीन बिजली मिलेगी।

काम कहाँ और कैसे होगा

यह सोलर प्रोजेक्ट रेलवे के कई अलग-अलग स्थानों पर लगाया जाएगा। मतलब यह कि सौर पैनल सिर्फ एक जगह नहीं होंगे, बल्कि कई स्टेशनों और इमारतों की छतों पर लगेंगे। सर्वोटेक कंपनी इस पूरे प्रोजेक्ट से जुड़ा हर काम खुद करेगी। कंपनी डिजाइन बनाएगी, जरूरी सामान तैयार करेगी, साइट पर सब चीजें लगाएगी, मशीनों का परीक्षण करेगी और अंत में पूरी व्यवस्था चालू भी करेगी। कंपनी ने बताया कि यह पूरा काम 12 महीनों के अंदर, यानी एक साल के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। उसके बाद ये सौर पैनल सूरज की रोशनी से बिजली बनाना शुरू करेंगे और रेलवे को साफ ऊर्जा मिलती रहेगी।

रेलवे का हरित ऊर्जा अभियान

भारतीय रेलवे कई सालों से यह कोशिश कर रही है कि उसकी ज़रूरत की ज़्यादातर बिजली हरित स्रोतों से बने। हरित ऊर्जा का मतलब होता है ऐसी ऊर्जा जो प्रदूषण न करे, जैसे सूरज, हवा या पानी से बनी बिजली। रेलवे अब कोयला या डीज़ल जैसे पारंपरिक स्रोतों पर कम निर्भर रहना चाहता है। रेल मंत्रालय ने यह भी कहा है कि आने वाले कुछ सालों में रेलवे को पूरी तरह “नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जक” बनाना है। इसका मतलब है कि रेलवे जितना कार्बन वातावरण में छोड़ेगा, उतना ही कम करने की भी व्यवस्था करेगा। इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा और हवा साफ बनी रहेगी।

सर्वोटेक को लगातार नए प्रोजेक्ट

सर्वोटेक रिन्यूएबल एनर्जी अब सिर्फ एक या दो जगह नहीं, बल्कि देश के कई रेलवे जोनों में सौर ऊर्जा के प्रोजेक्ट कर रही है। हाल ही में कंपनी को अलग-अलग मंडलों से कई नए काम मिले हैं।

सितंबर 2025 में कंपनी को उत्तर मध्य रेलवे के आगरा मंडल से 3 मेगावॉट का बड़ा प्रोजेक्ट मिला था, जिसका मूल्य लगभग 13 करोड़ रुपये है। इसी साल अगस्त 2025 में उसे उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर मंडल से 7.3 मेगावॉट का ऑन-ग्रिड सोलर प्रोजेक्ट मिला। इसके अलावा, कंपनी को नॉर्दर्न रेलवे यानी उत्तरी रेलवे के मुरादाबाद मंडल से 1.2 मेगावॉट का रूफटॉप सोलर प्रोजेक्ट भी मिला है।

इन सब प्रोजेक्ट्स की वजह से सर्वोटेक अब रेलवे के कई क्षेत्रों में सौर ऊर्जा लगाने वाली बड़ी कंपनी बनती जा रही है। कंपनी न केवल सोलर पैनल बनाती है, बल्कि उनके ज़रिए बिजली उत्पादन का पूरा इंतज़ाम भी करती है।

Read : 1 लाख के बना दिया 45 लाख ! इस Multibagger Stock ने 1 साल में दिया 4500% रिटर्न

देश के लिए बड़ा कदम

सोलर प्रोजेक्ट्स बढ़ने से देश को कई फायदे मिलते हैं। इससे बिजली सस्ती होती है, प्रदूषण कम होता है और पर्यावरण सुरक्षित रहता है। रेलवे जैसी बड़ी संस्था अगर सौर ऊर्जा अपनाती है, तो उससे बाकी संस्थाओं को भी प्रेरणा मिलती है। इससे भारत का ग्रीन एनर्जी मिशन भी तेज़ी से आगे बढ़ेगा।

सर्वोटेक जैसे भारतीय कंपनियों का मकसद है कि देश को ऐसी बिजली दी जाए जो भविष्य के लिए टिकाऊ हो और जिसमें प्रदूषण बिल्कुल न हो। आने वाले समय में रेलवे की छतों पर लगे ये पैनल सूरज से ऊर्जा लेंगे, और इन्हीं से हर दिन हजारों गाड़ियों और स्टेशनों को रोशनी मिलेगी। यह सच में भारत की हरित यात्रा का नया कदम है।

Leave a Comment

WhatsApp Icon